महाराष्ट्र नागपुर हिंसा: औरंगज़ेब की कब्र (Maharashtra Nagpur violence: Aurangzeb’s tomb escalates )

नागपुर में औरंगज़ेब की कब्र(Aurangzeb’s Tomb) को लेकर भड़की हिंसा, सियासी घमासान तेज़ (Violence erupts in Nagpur over Aurangzeb’s tomb, political turmoil intensifies)

महाराष्ट्र के नागपुर(Maharashtra Nagpur violence) में सोमवार रात औरंगज़ेब की कब्र (Aurangzeb’s Tomb) को लेकर शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे हिंसा में तब्दील हो गया। इस हिंसा में घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई, गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया और करीब 40 लोग घायल हो गए। घायलों में कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

Aurangzeb's Tomb
                                     Aurangzeb’s Tomb

कैसे शुरू हुई हिंसा ?

जानकारी के मुताबिक, सोमवार शाम करीब 7:30 बजे एक कट्टरपंथी संगठन विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगज़ेब (Aurangzeb)की कब्र(Aurangzeb’s Tomb) का प्रतीकात्मक रूप से दहन किया। बताया जा रहा है कि उन्होंने हरे कपड़े में लिपटे घास के गट्ठरों को जलाया, जिसे औरंगज़ेब की कब्र(Aurangzeb’s Tomb) का प्रतीक माना गया।

हालांकि, सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई कि VHP कार्यकर्ताओं ने औरंग ज़ेब की असली कब्र(Aurangzeb’s Tomb) जला दी है। इसके बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग मौके पर जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ गया और हिंसा फैल गई।

हिंसा का नतीजा

  • घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई
  • कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया
  • 12 पुलिसकर्मियों समेत करीब 40 लोग घायल हुए
  • अब तक 47 लोगों को हिरासत में लिया गया है

महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री योगेश कदम ने बताया कि स्थिति पर काबू पाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और मामले की जांच जारी है।

राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप

इस घटना के बाद महाराष्ट्र में सियासी घमासान मच गया है।

उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाते हुए कहा,
“औरंगज़ेब (Aurangzeb) की मौत 300 साल पहले हो चुकी है। अब उसकी कब्र को लेकर झगड़ा क्यों? अगर हटानी है तो हटा दो… लेकिन पहले चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार को भी बुला लो।”

उनका इशारा साफ तौर पर दक्षिण भारत और बिहार की राजनीति की तरफ था, जहां मुस्लिम वोट बैंक का असर रहता है।

उद्धव ठाकरे ने यह भी याद दिलाया कि औरंगज़ेब(Aurangzeb) का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था (Aurangzeb was born in Dahod, Gujarat) और उसकी मौत महाराष्ट्र के भिंगार में 1707 में हुई थी।

वहीं उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा,
“जब बीजेपी सरकार नहीं चला पाती, तो हिंसा और दंगे भड़काती है। जैसे मणिपुर में हुआ, वैसा ही महाराष्ट्र में करने की कोशिश हो रही है। इतिहास में झांक रहे हैं लेकिन भविष्य और वर्तमान पर कोई बात नहीं कर रहे।”

उन्होंने यह भी बताया कि औरंगज़ेब की कब्र(Aurangzeb’s Tomb) को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित किया गया है, जो कि केंद्र सरकार के अधीन है।

बीजेपी की सफाई

राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा को एक “षड्यंत्र” बताते हुए कहा कि VHP ने कोई कब्र नहीं जलाई, बल्कि “घास के गट्ठों से प्रतीकात्मक रूप से एक कब्र का दहन” किया था। लेकिन अफवाह फैलाई गई और हिंसा भड़क गई।

फडणवीस ने कहा,
“जब भीड़ ने गाड़ियों में आग लगाने की धमकी दी, तब पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।”

औरंगज़ेब की कब्र(Aurangzeb’s Tomb) को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब महाराष्ट्र की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन चुका है। एक तरफ सरकार इसे अफवाह बता रही है, वहीं विपक्ष इसे राज्य सरकार की नाकामी और साज़िश करार दे रहा है।

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या 300 साल पुराने इतिहास को लेकर आज की शांति और व्यवस्था को बिगाड़ना सही है? और क्या सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं?

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