सुनीता विलियम्स(Sunita Williams) 286 दिनों के अंतरिक्ष प्रवास के बाद मुस्कुराते हुए घर लौटीं(Sunita Williams returned home smiling after 286 days in space)
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विलमोर आखिरकार अपने घर लौट आए हैं। उनकी यह यात्रा मूल रूप से 8 दिनों की थी, लेकिन यह मिशन 9 महीने लंबा हो गया। वे 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें लंबे समय तक वहां रहना पड़ा। अब वे स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान(Spacecraft) के जरिए धरती पर सुरक्षित लौट आए हैं।
फ्लोरिडा तट पर सफल लैंडिंग
अंतरिक्ष यान ने समुद्र में सुरक्षित लैंडिंग करने से पहले अपना पैराशूट खोला। इस यात्रा में उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूस के कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी शामिल थे। चारों अंतरिक्ष यात्री 17 घंटे की यात्रा के बाद पृथ्वी पर लौटे।
नासा की टीम ने कैप्सूल का हैच (दरवाजा) खोला और अंतरिक्ष यात्रियों को चलने में सहायता देने वाले उपकरण पहनाए। बाहर आते ही सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) ने मुस्कुराते हुए हाथ हिलाया और अंगूठा दिखाकर अपनी खुशी जाहिर की।
लंबे अंतरिक्ष प्रवास की वजह(Reason for long space travel)
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर बोइंग स्टारलाइनर के पहले क्रू मिशन का हिस्सा थे, लेकिन अंतरिक्ष यान(
) के प्रणोदन (प्रोपल्शन) सिस्टम में खराबी के कारण वे वहां फंस गए। चूंकि स्टारलाइनर को उड़ान के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था, इसलिए इसे सितंबर 2024 में बिना क्रू के पृथ्वी पर वापस भेज दिया गया। इस बीच, नासा ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए स्पेसएक्स के क्रू-9 मिशन में समायोजन किया और उनके लिए ड्रैगन कैप्सूल भेजा।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने से अंतरिक्ष यात्रियों के शरीर पर गहरा असर पड़ता है।(There is a profound impact on the bodies of astronauts.) कुछ मुख्य स्वास्थ्य समस्याएं इस प्रकार हैं:
- हड्डियों की कमजोरी: भारहीनता के कारण हर महीने हड्डियों की घनत्व (डेंसिटी) 1% तक कम हो जाती है।
- मांसपेशियों की कमजोरी: गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं।
- विकिरण (रेडिएशन) का खतरा: अंतरिक्ष में पृथ्वी की सुरक्षा परत नहीं होती, जिससे विकिरण का प्रभाव बढ़ जाता है और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा रहता है।
राजनीतिक और कूटनीतिक पहलू
इस ऐतिहासिक मिशन को लेकर राजनीतिक हलचल भी देखने को मिली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व प्रशासन पर उन्हें वापस लाने में विफल रहने का आरोप लगाया। वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुनीता विलियम्स को एक पत्र लिखकर उनके हौसले और उपलब्धि की सराहना की।
भविष्य के लिए क्या मायने रखता है ?
- बोइंग स्टारलाइनर की विफलता से इसकी भविष्य की अंतरिक्ष परियोजनाओं पर सवाल उठे हैं।
- स्पेसएक्स ने एक बार फिर अपनी भरोसेमंद तकनीक साबित की और यह कंपनी भविष्य में और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
- अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के प्रभावों पर शोध करने के लिए यह मिशन एक महत्वपूर्ण अध्ययन साबित होगा।
सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों की यह 286 दिन लंबी यात्रा चुनौतीपूर्ण रही, लेकिन उन्होंने अपने साहस, धैर्य और आत्मविश्वास से हर कठिनाई को पार किया। उनकी सुरक्षित वापसी न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से, बल्कि इंसानी जिज्ञासा और धैर्य की मिसाल के रूप में भी याद रखी जाएगी।